Mukhyamantri Krishak Durghatna Kalyan Yojana | मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना ऑनलाइनआवेदन | उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण स्कीम आवेदन फॉर्म | उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की पात्रता
भारत एक कृषि प्रधान देश है। लेकिन देश में किसानों की जिंदगी कोई बहुत बेहतर नहीं। उन्हें अपने जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। अपने परिवार के लिए सम्मान के साथ जीने की कामना में उनका जीवन होम हो जाता है। कई बार किसी दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान खो बैठते हैं। ऐसे में उसका परिवार कठिनाई में आ जाता है। उनकी आजीविका का कोई साधन नहीं रह जाता। उनकी इस दिक्कत को समझते हुए उसे दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की घोषणा की है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी योजना से जुड़े महत्वपूर्ण योजना की जानकारी देंगे। आइए शुरू करते हैं-
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना क्या है?
दोस्तों, मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। 21 जनवरी, 2023 को लखनऊ में हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंज़ूरी दी गई थी। बता दें कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत उत्तर प्रदेश के किसी भी किसान की यदि दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई किसान दुर्घटना में 60% से ज्यादा विकलांग हो जाता है तो उसे इस योजना के तहत दो लाख रुपए का अधिकतम मुआवजा प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गई है।
यूपी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना डिटेल्स –
योजना का नाम | यूपी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना |
किनके द्वारा जारी की गई | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा |
साल | 2022 |
योजना के लाभार्थी | यूपी के किसान |
उद्देश्य | किसानो को दुर्घटना बिमा प्रदान करना |
आधिकारिक वेबसाइट | https://esathi.up.gov.in/ |
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना योजना का उद्देश्य –
मित्रों, आपको बता दें कि कृषक दुर्घटना कल्याण योजना को मंजूरी का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के किसानो को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के क्रियान्वयन और संचालन जिम्मा संबंधित जिलों के डीएम को सौंपा गया है।
प्रदेश के दो करोड़ किसानों को योजना का लाभ मिलेगा
दोस्तों, आपको बता दें कि 14 सितंबर, 2023 के बाद किसी हादसे का शिकार होकर जान गंवाने वाले किसानों के परिवार या विकलांग हुए किसानों को इस योजना के दायरे में रखा गया है। वही इसका लाभ प्राप्त कर सकेंगे। सीधे सीधे कहें तो प्रदेश के करीब दो करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ पहुंचेगा।
सरकार ने 600 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया
साथियों, आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए कुल 600 करोड रुपए के बजट का प्रावधान किया है। इस राशि से दुर्घटना में विकलांग हुए किसानों या मृतक किसानों के परिजनों को आवश्यक सहायता मुहैया कराई जाएगी। यह सहायता योजना में कवर किए गए बिंदुओं के अनुसार ही देर होगी।
कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में कौन कौन सी दुर्घटनाओं को शामिल किया गया है
दोस्तों, अब आपको बताते हैं कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किन किन दुर्घटनाओं को कवर किया गया है यह इस प्रकार से हैं-
- आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने अथवा करंट लगने से मौत या विकलांगता।
- सांप के काट लेने, किसी अन्य जीव-जंतु या जानवर के काटने, मारने या हमले में जान जाना अथवा विकलांगता।
- हत्या, आतंकवादी हमला, लूट, डकैती या मारपीट में जान चले जाना या विकलांगता।
- समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर या कुएं में डूबने से मौत।
- रेल, सड़क या हवाई यात्रा के दौरान हादसे में मौत।
- आंधी-तूफान, पेड़ से गिरने, दबने या मकान गिरने, सीवर चैंबर में गिरने से मौत या विकलांगता
कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत मिलने वाली आर्थिक सहायता
- एक हाथ और पैर की क्षति होने पर – 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता
- दोनों हाथ या दोनों पैर अथवा दोनों आंखों की क्षति – 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता
- एक आंख या एक पैर की क्षति होने पर – 50 प्रतिशत
- दुर्घटना में मौत होने या पूर्ण शारीरिक अक्षमता होने पर – 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता
- 50 प्रतिशत से अधिक लेकिन 100 प्रतिशत से कम स्थाई विकलांगता पर – 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता
- 25 % से अधिक है लेकिन 50 % से कम स्थाई विकलांगता पर – 25 प्रतिशत वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ लेने की पात्रता
दोस्तों, आपको बताते हैं कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक पात्रता क्या है।
- लाभार्थी को उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना आवश्यक है।
- लाभार्थी की आय का मुख्य स्रोत खेती होना चाहिए।
- आवेदक किसान का बैंक में खाता होना अनिवार्य है।
- लाभार्थी कृषक की उम्र 18 साल से लेकर 70 साल के बीच होनी चाहिए।
- लाभार्थी किसी ऐसी दुर्घटना का शिकार हुआ हो, जो योजना में कवर की गई हो।
किसी और की जमीन पर खेती करने वाला यानी बटाईदार भी लाभार्थी
साथियों, आपको एक और महत्वपूर्ण बिंदु बताएं और वो ये कि यदि किसान के पास अपनी जमीन नहीं है और वह किसी और की जमीन पर खेती करता है तो भी वह इस योजना के दायरे में आएगा। उसकी किसी दुर्घटना में मौत हो जाने पर उसका परिवार इस योजना का लाभ उठा सकेगा। विकलांगता की स्थिति में किसान स्वयं इस योजना का लाभार्थी होगा।
ऐसे भी कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश की खतौनी में खातेदार /सह खातेदार, जिनकी मृत्यु किसी दुर्घटना में हो जाती है तो किसानो के परिवार इस योजना के पात्र होंगे। इसके अलावा इस योजना में वे बटाईदार भी शामिल होंगे, जो अन्य लोगों के खेतों में काम करते हैं और फसल कटने के बाद फसल साझा करते हैं। यानी उन्हें और उनके आश्रितों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
किसान की मृत्यु के 45 दिन के भीतर आवेदन आवश्यक
दोस्तों, आपको बता दें कि यदि किसी किसान के परिजन मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ उठाना हैं तो इसके लिए उन्हें किसान की मृत्यु के 45 दिन के भीतर आवश्यक रूप से आवेदन करना होगा। इसके बाद ही उन्हें योजना का लाभ प्रदान किया जा सकेगा।
कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
किसी भी सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को अपनी पहचान के दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ लेने के लिए भी आवेदक को कुछ दस्तावेज अपने आवेदन के साथ लगाने होंगे जो किस प्रकार से हैं-
- आवेदक किसान का आधारकार्ड
- आवेदक का निवास प्रमाण पत्र
- लाभार्थी की कृषि भूमि के दस्तावेज
- आवेदक का पैन कार्ड
- आवेदक का राशन कार्ड
- लाभार्थी का आयु प्रमाण पत्र
- आवेदक के बैंक खाते की पासबुक
- लाभार्थी का मोबाइल नंबर
- आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मृत्यु की स्थिति में किसान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट
कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में आवेदन आनलाइन और आफलाइन दोनों तरीके से
साथियों, आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के जो इच्छुक लाभार्थी इस योजना का लाभ उठाना चाहते है वे इस योजना के तहत आनलाइन और आफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन करने के लिए किसान की मृत्यु के 45 दिन के भीतर ही परिवार को अपने जिला कलेक्टर के कार्यालय में जाकर एक आवेदन पत्र देना होगा। इसमें उन्हें दुर्घटना की सारी जानकारी देते हुए आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर यह तहसील में जमा करना होगा। आवेदन पत्र का सत्यापन हो जाने के बाद अधिकारी आवेदक के परिवार को योजना के अंतर्गत सहायता राशि उपलब्ध कराएंगे।
कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में आनलाइन आवेदन कैसे करें ?
ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएँ –
अकाउंट में लॉग इन करें या न्यू अकाउंट बनायें –

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना फॉर्म पर क्लीक करें –

मा० मुख़्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना आवेदन फॉर्म भरें –

डॉक्यूमेंट अपलोड करें –
आवेदन फॉर्म सबमिट करें –
आवेदन फीस का भुगतान करें –
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना से जुड़े सवाल –
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना को मंजूरी कब मिली?
योजना के तहत क्या प्रावधान किया गया है?
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभार्थी कौन हो सकता है?
क्या दुर्घटना के शिकार होकर जान गंवाने वाले सभी किसानों को इस योजना का मिलेगा?
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना लाने के पीछे सरकार का क्या उद्देश्य है ?
कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ उठाने के लिए कोई उम्र संबंधी बाध्यता है ?
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए कितने बजट का प्रावधान किया गया है?
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन आनलाइन किए जाएंगे या आफलाइन?
किसान की मृत्यु के कितने दिन के भीतर योजना के लिए आवेदन किया जा सकेगा?
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत आवेदन को क्या कुछ दस्तावेज भी चाहिए होंगे?
कृषि भूमि के दस्तावेज, राशन कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, बैंक खाते की पासबुक, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ और मृत्यु की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की आवश्यकता होगी।
इस योजना में कौन-कौन सी दुर्घटनाएँ शामिल की गई है ?
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के संचालन का जिम्मा किसके पास है?
क्या दूसरों के खेतों में काम करने वाले किसानों, बटाईदारों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा?
इस योजना से प्रदेश के कितने किसान लाभान्वित होंगे?
अंतिम शब्द
केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लेकर आई है। लेकिन अभी भी किसानों की स्थिति को देश में बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। खासतौर पर किसी एक्सीडेंट की स्थिति में परिवार के मुख्य किसान की मौत हो जाने के बाद उसके परिवार को बहुत दिक्कतें झेलनी पड़ती है। उत्तर प्रदेश में भी कोई जुदा हाल नहीं।
- टॉप-10 महिलाओं के लिए भारत सरकार की योजनाएं 2023
- ट्रेन में चोरी की एफआईआर कैसे करें? एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया
- जन आधार कार्ड में नाम कैसे जोड़ें? | आफलाइन/आनलाइन प्रक्रिया
- मनरेगा योजना क्या है? इसकी शुरुआत कब और क्यों की गयी थी? | MNREGA yojana kya hai
- जन धन खाता क्या है? | जन धन खाता कैसे खुलवाएं? | दस्तावेज, पात्रता, व फॉर्म | PMJDY account kya hai
कई मामलों में हमने देखा है कि वह गांव के महाजनों साहूकारों के चंगुल में फंस जाते हैं। और उसके बाद ब्याज पर ब्याज चुकाते रहते हैं जबकि मूल रकम जो की त्यों बनी रहती है। ऐसे में कई धनी महाजन वसूली के लिए किसानों या उनके परिजनों पर इस कदर दबाव बना देते हैं कि उन्हें खुदकुशी ही आखिरी रास्ता नजर आती है।
दुर्घटना के शिकार हुए किसानों या उनके परिजनों को इस तरह की स्थिति से दो-चार ना होना पड़े, इसी उद्देश्य को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना लैकर हाजिर हुई है। उम्मीद है कि इससे किसानों और उनके परिवार के लोगों की मुश्किलें काफी हद तक दूर होंगी।
साथियों, यह थी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना 2023 ऑनलाइन आवेदन, पात्रता व लाभ – UP Krishak Durghatna Kalyan Yojana की संपूर्ण जानकारी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आप इसी तरह के किसी रोचक विषय पर हम से जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।