सहारा इंडिया का पैसा कब मिलेगा? सहारा का भुगतान कैसे करायें?

|| सहारा इंडिया का पैसा कब मिलेगा, सहारा इंडिया का पैसा कब मिलेगा २०२२, सहारा इंडिया का पैसा कब मिलेगा 2023, सहारा इंडिया भुगतान, सहारा इंडिया लेटेस्ट न्यूज़ 2023, सहारा इंडिया बिहार ||

देश में ऐसे लाखों निवेशक हैं, जिन्होंने सहारा इंडिया परिवार की चिट फंड कंपनी की बचत योजनाओं में पैसा निवेश किया, लेकिन अब मैच्योरिटी (maturity) अवधि पूरी होने पर अपने भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

यदि आप अथवा आपके परिचित भी सहारा इंडिया (sahara india) के ऐसे ही निवेशक हैं, जो अपनी राशि के भुगतान की बाट जोह रहे हैं तो आज की पोस्ट आपके ही लिए हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि सहारा इंडिया का पैसा कब मिलेगा। आइए, शुरू करते हैं-

सहारा इंडिया परिवार का हजारों करोड़ सेबी-सहारा खाते में फंसा

सहारा इंडिया परिवार की ओर से संचालित चिट फंड कंपनी अनेक प्रकार की बचत योजनाएं पूरे उत्तर भारत में चला रही है। यह कंपनी लोगों से पैसा अवश्य ले रही है, लेकिन मैच्योरिटी होने के बावजूद निवेशकों को उनका पैसा नहीं लौटाया जा रहा।

आपको बता दें कि सहारा इंडिया परिवार की इस चिट फंड कंपनी का करीब 25 हजार करोड़ रूपये सेबी-सहारा खाते में फंसा है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सहारा श्री सुब्रत राय पर मुकदमा भी चल रहा है। लेकिन निवेशकों का पैसा न तो सेबी और न ही सहारा भुगतान कर रहा है।

निवेशकों को कोरोना जैसी स्थिति में भी उनका लंबित भुगतान नहीं किया गया, जबकि कई मामलों में निवेशकों के परिवार का मुखिया तक का साया सिर से उठ गया। उन्होंने खूब हंगामा, धरना प्रदर्शन किया, लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हुई।

निवेशकों का भुगतान न होने के क्या कारण है?

अब हम आपको बताएंगे कि सहारा इंडिया परिवार चिट फंड कंपनी के निवेशकों के पैसों का भुगतान न होने का क्या कारण है। यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि सहारा का 25 हजार करोड़ से अधिक पैसा सेबी-सहारा खाते में फंसा है। इन दोनों के ही निवेशकों को भुगतान न करने के कारण उन्हें अपना पैसा वापस नहीं मिल पा रहा है।

सहारा चिट फंड कंपनी के तमाम बैंक खातों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लेन-देन पर रोक है। सहारा का पैसा बैंकों में फंसे होने के कारण कंपनी कैश के संकट का सामना कर रही है। लिहाजा, निवेशकों की पासबुक की मैच्योरिटी अवधि संपूर्ण हो जाने के बाद भी भुगतान करने में सक्षम नहीं हो पा रही।

इसके अलावा एक और यह कारण भी है कि निवेशक दूसरे निवेशकों की स्थिति देख अब सहारा इंडिया बचत योजनाओं में पैसा जमा करने से कतराने लगे हैं। इस वजह से अब नए खाते नहीं खुल पा रहे हैं एवं कंपनी के पर्याप्त पैसे नहीं पहुंच पा रहे हैं।

सहारा इंडिया के निवेशकों का हंगामा, कर्मियों का जंतर मंतर पर प्रदर्शन

कुछ दिन पूर्व सहारा इंडिया के खाताधारकों ने अपने निवेश के पैसे वापसी को लेकर सहारा इंडिया के कार्यालय में खूब हंगामा किया था। उन्होंने सहारा बैंक के कार्यालय में भी ताला जड़ दिया था। समय पर काम आने की उम्मीद में सहारा इंडिया में जमा की गई राशि मैच्योर (mature) हुए किसी का डेढ़ तो किसी का दो साल हो चुका है, लेकिन अब तक यह राशि निवेशकों को नहीं दी गई है।

कार्यालय में संपर्क करने पर उन्हें लगातार तारीख पर तारीख दी जा रही है, लेकिन राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। यह भुगतान कब होगा? इसका किसी को कुछ पता नहीं है। वहीं, सहारा इंडिया परिवार कर्मियों ने भी 8 दिसंबर, 2023 को जंतर मंतर पर सेबी के खिलाफ प्रदर्शन किया।

उनका दावा था कि सेबी-सहारा (sebi-sahara) विवाद की वजह से सुप्रीम कोर्ट की ओर से सहारा (sahara group) समूह पर लगाए गए प्रतिबंध से उनकी आय (income) प्रभावित हुई है। उनकी कमाई पर असर पड़ा है। निवेशक (investment) उन्हें नया काम नहीं दे रहे, क्योंकि पुराने भुगतान में देर हो रही है। उन्होंने लाखों कार्यकर्ताओं के बेरोजगारी (unemployment) एवं भुखमरी के कगार पर पहुंचने की बात दोहराई।

सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों को नौ साल में केवल 129 करोड़ लौटाए जा सके

मित्रों, आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने अगस्त, 2012 में सहारा की दो कंपनियों के करीब तीन करोड़ निवेशकों को ब्याज सहित धन वापस किए जाने के आदेश दिए थे। लेकिन नौ साल में केवल 129 करोड़ रुपये ही लौटाए जा सके।

आपको बता दें कि बांडधारकों के बड़ी संख्या में क्लेम (claim) न किए जाने की वजह से सेबी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (securities and exchange board of India) ने 2023-21 में केवल 14 करोड़ रूपये ही लौटाए। जबकि सुप्रीम कोर्ट के विशेष निर्देश पर खोले गए सेबी-सहारा विशेष वापसी खाते में बैलेंस बढ़कर 1400 करोड़ रूपये हो गया था।

सेबी (SEBI) ने अपनी सालाना रिपोर्ट (annual report) में बताया कि उसे 31 मार्च, 2023 तक 19,616 आवेदन मिले थे, इनमें 81.6 करोड़ रुपये के निवेश की धन वापसी के क्लेम थे। सेबी ने 16,909 मामलों में रिफंड (refund) जारी किया, जबकि 483 आवेदनों में कमी पाई गई थी, जिन्हें दूर करने के लिए निवेशकों को वापस भेजा गया।

सात आवेदनों को विवादित कैटेगरी (category) में रखा गया था। सहारा के पास 332, जबकि सेबी के पास 122 आवेदन लंबित थे। 2,487 ऐसे मामले थे, जिन्हें निवेशकों की ओर से कोई प्रतिक्रिया न आने एवं रिकाॅर्ड (record) न होने की वजह से बंद कर दिया गया।

आपको बता दें कि इससे पूर्व 31 मार्च, 2023 को सेबी ने बताया था कि उसके द्वारा रिफंड की गई राशि 115.2 करोड़ रुपए है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित विभिन्न आदेशों एवं नियामक द्वारा पारित कुर्की आदेशों के अनुसार 31 मार्च, 2023 तक कुल 15,473 करोड़ रुपये की वसूली गई थी।

आपको एक और जानकारी दें और वो ये कि सुप्रीम कोर्ट के 31 अगस्त, 2012 को दिए गए निर्णय के अनुपालन में बांडधारकों को रिफंड करने के पश्चात उन पर अर्जित ब्याज संग इन राशियों को विभिन्न नेशनलाइज्ड बैंकों (nationalised banks) में जमा किया गया है। इस प्रकार 31 मार्च, 2023 तक इन बैंकों में जमा की गई कुल राशि 23,191 करोड़ रूपये थी।

Maan Haani IPC ACT 499-500 क्या है? मानहानि केस कब हो सकता है?

सहारा समूह ने सेबी पर निवेशकों का पैसा अनुचित तरीके से रोक कर बैठने का आरोप लगाया

सहारा समूह ने सेबी पर सहारा एवं उसके निवेशकों का पैसा अनुचित तरीके से रोक कर बैठने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि उसके अनुमान के मुताबिक सहारा-सेबी खाते में ब्याज समेत जमा धनराशि करीब 25 हजार करोड़ रूपये होनी चाहिए। आपको बता दें कि सहारा ने अपने तीन करोड़ निवेशकों से संबंधित सभी दस्तावेज नौ वर्ष पूर्व सेबी को सौंप दिए थे।

सहारा के निवेशकों को पैसा कब वापस मिलेगा

दोस्तों, सही बात यह है कि इस संबंध में ठीक-ठीक कुछ नहीं कहा जा सकता। सहारा इंडिया परिवार की ओर से पिछले वित्तीय वर्ष में अपने कई निवेशकों को उनका मैच्योरिटी की राशि का भुगतान किया था, लेेकिन हजारों निवेशकों को अभी भी यह राशि नहीं मिली है।

यह साफ साफ नहीं कहा जा सकता कि सहारा इंडिया उनकी यह राशि कब देगा। बहुत सारे लोग अपनी राशि के लिए कोर्ट जा चुके हैं। सहारा पर केस भी कायम हो चुके हैं। अलबत्ता, निवेशकों को कंपनी के दिए आश्वासन पर भरोसा करने के अलावा कोई चारा नहीं।

फिलहाल वे इसी का इंतजार कर रहे हैं कि सेबी के साथ सहारा का विवाद समाप्त हो एवं उन्हें उनकी निवेश राशि की वापसी हो। यदि आप इस संबंध में ठोस जानकारी चाहिए तो आप संबंधित सहारा के एजेंट (agent) अथवा सहारा के शाखा मैनेजर (branch manager) से संपर्क कर उससे बात करें। इस संबंध में कोर्ट (court) में होने वाली सुनवाई पर भी नजर रखें। यहीं से आपके लिए अच्छी खबर आ सकती है।

बहुत साल अच्छी तरह चली कंपनी, लेकिन फिर विवाद का साया पड़ा

मित्रों, आपको बता दें कि एक वक्त सहारा इंडिया परिवार की धूम थी। इस कंपनी की स्थापना आज से करीब 43 वर्ष पूर्व सन् 1978 में हुई थी। सालों यह कंपनियां बढ़िया चली। इस परिवार के बैनर तले रीयल एस्टेट (real estate), इंश्योरेंस (insurance), होटल इंडस्ट्री (hotel industry), मीडिया एंड एंटरटेनमेंट (media and entertainment), आईटी (IT) का काम खूब फला-फूला।

इसकी कंपनियों में निवेशकों ने जमकर पैसा लगाया। लेकिन बाद में इस पर विवादों की छाया पड़ गई। 2004 में इस ग्रुप के उतार के दिन शुरू हुए, जो आज तक जारी हैं, लेकिन अभी भी करीब पांच हजार establishments इस ग्रुप की संस्थाएं हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा-सहारा इंडिया कंपनी में निवेश राशि की जानकारी उपलब्ध नहीं

कुछ समय पूर्व छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र (winter session) के प्रश्नकाल (question hour) के दौरान जोगी कांग्रेस विधायक रेनू अजीत जोगी (renu ajit jogi) ने चिट फंड कंपनियों का मामला उठाया था। उन्होंने चिट फंड कंपनियों के ब्योरे के साथ यह यह भी पूछा कि प्रदेश के कितने निवेशकों ने सहारा इंडिया कंपनी में निवेश किया है।

इसके साथ ही सहारा इंडिया की विभिन्न शाखाओं में निवेशकों की ओर से जमा कराई गई राशि के भुगतान के लिए 17 नवंबर, 2023 तक की गई कार्रवाई का ब्योरा भी उपलब्ध कराने को कहा था। इनका जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ (chattisgarh) के गृह मंत्री (home minister) ताम्रध्वज ने कहा कि बिहार में चिटफंड अधिनियम (chit fund act) -1982 लागू है।

इसके प्रावधानों (provisions) के तहत प्रदेश में कोई भी चिट फंड कंपनी आफिशियली रजिस्टर्ड (officially registered) एवं संचालित नहीं है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि सहारा इंडिया कंपनी पर राज्य शासन (state administration) का नियंत्रण (control) नहीं।

ऐसे में निवेशकों की ओर से जमा कराई राशि एवं भुगतान की जानकारी देना संभव नहीं है। इसके बावजूद संज्ञान में आए मामलों में उन्होंने समुचित कार्रवाई (proper action) की बात दोहराई।

सहारा का नाम न लेकर लोगों से इसकी चिट फंड कंपनियों में निवेश कराया जा रहा था

कुछ समय पूर्व बिहार के झाबुआ जिले में चिट फंड कंपनियों के निवेशकों के पैसे का भुगतान न करने के मामले में वहां के कलेक्टर ने एक मानिटरिंग कमेटी (monitoring committee) गठित की थी। इसमें पाया गया था कि दर्जनों चिट फंड कंपनियों में लोगों के करोड़ों रुपये फंसे हैं। सालों से शिकायत (complaint) के बावजूद पैसा नहीं मिल रहा।

इस जांच के दायरे में सहारा इंडिया की दो कंपनियां स्टार एवं सहारियन भी आईं। सामने आया कि निवेशकों से इन दोनों कंपनियों में इन्वेस्टमेंट कराया जा रहा है, किंतु इनमें सहारा का उल्लेख नहीं किया जा रहा।

भुगतान के वक्त सेबी की रोक का हवाला दिया जा रहा था। अकेले सहारा के ही करीब एक हजार से अधिक खातेदार (account holder) सामने आए। ऐसे 10 करोड़ से अधिक राशि के निवेशक अब भुगतान (payment) के लिए भटक रहे हैं।

चिट फंड कंपनियों के अधिकांश मामलों में पैसे की चपत लगी

चिट फंड कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों को अधिकांश मामलों में पैसे की चपत के किस्से सुने जाते रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है। यही हाल आज से 40 वर्ष पूर्व भी था। 80 के शुरूआती दशक में खुली सवेरा फाइनेंस कंपनी लोगों के लाखों रूपये एकत्र कर चंपत हो गई। इसके पश्चात पीयरलेस इंश्योरेंस कंपनी भी डूब गई।

उस वक्त इसका अंजाम यह हुआ था कि वेस्ट बंगाल के निवेशकों में से कई ने खुदकुशी तक कर ली थी। इसके पश्चात बाद के सालों में आई ट्यूलिप कंपनी भी डूब गई। ऐसी चिट फंड कंपनियों का इतिहास पुराना है, जिन्होंने लोगों की गाढ़ी कमाई को एक झटके में लील लिया।

सहारा में निवेश करना क्या सुरक्षित है?

बहुत से लोग अभी सहारा इंडिया में निवेश कर रहे हैं। हालांकि उसके निवेशक अब धीरे धीरे कम हो रहे हैं। यदि आप भी इस ग्रुप की योजनाओं में पैसा लगाना चाहते हैं तो आपको सलाह यही है कि आप यह कार्य अपने जोखिम (risk) पर करें। फिलहाल की स्थिति देखते हुए इसे कोई बेहतर कदम नहीं कहा जा सकता।

बेहतर तो यही होगा कि यदि आप अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई के पैसे निवेश ही करना चाहते हैं तो कंपनी की बैक हिस्ट्री (back history) देखकर किसी अच्छे विशेषज्ञ से सलाह करके ही ऐसा कदम उठाएं, ताकि कम से कम आप अधिक जोखिम में न फंसे।

अपना पोर्टफोलियो (portfolio) बनाकर निवेश करें। इसके साथ ही एक ही शेयर (share) अथवा कंपनी में अधिक राशि निवेश करने से बचें। अपनी बचत के लक्ष्य तय करें, इसके पश्चात ही निवेश के क्षेत्र में आगे बढ़ें।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट में यह बताने का प्रयास किया है कि सहारा इंडिया का पैसा कब मिलेगा। उम्मीद है कि इस पोस्ट से आप स्थिति को बेहतर तरीके से समझ गए होंगे। पैसा वापसी से जुड़ी आपकी शंकाओं का काफी कुछ समाधान हुआ होगा।

यदि आप ऐसे ही अन्य किसी जनहित से जुड़े मुद्दों पर हमसे पोस्ट चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं एवं सुझावों का हमें हमेशा की भांति इंतजार है। ।।धन्यवाद।।

29 thoughts on “सहारा इंडिया का पैसा कब मिलेगा? सहारा का भुगतान कैसे करायें?”

  1. सर, मैंने भी 2015 में पॉलिसी ली थी। वहा भी पूरी हो गई है, लेकिन अभी तक मुझे पैसे नहीं मिले हैं। बतायें अब में क्या करू। श्री सुब्रत राय, तो कानो मैं रूई डालकर बैठे हैं। पता नहीं हम गरीबो की भगवान कब सुनेगा। अब तो सहन नहीं होता है। यही एक सहारा था। सहारा ने भी हमको बेसहारा कर दिया। श्री सुब्रत राय सर, आपसे हाथ जोड़ कर निवेदन है कि मेरा पुरा पैसा बापस दिलवा दे।

  2. Sir good afternoon

    My sahara policies has already matured in 2021 and few are matured on 2018 but still my payment has not been released yet.

    Can you please confirm when govt will take action according so that our payment could be release asap.

  3. Respect Sir
    मेरा पोलिसी पुरा होगया है लेकिन मुझे पैसा कब मिलेगा.
    2005 से मेरा पोलिसी है. लेकिन कोई भी पोलिसी का पैसा कब मिलेगा अभी मुझे क्या करना है जो मेरा पैसा इन्टरेस्ट के साथ मिलेगा. जरा कृपया करके मेरा पैसा लोटा दिजिये.

  4. RAMA SHANKER MAURYA FROM SURAT

    Sir mera bhi paisa meturity ke bad bhi nahi mil raha hai. Paisa Q-shop me convert kara liye.

    Sir abhi qya kiya jay ?
    qya District consumer forum me case kare ? Pl. aap btaye.

    Thanks for the Information

  5. Sir kya hume bhi court ka sahara lena padega ya government sabhi niveshako ka paisa dilene ka prayas kar rahi hai mera Saharayan universal multipurpose society limited me jama hai jo pura ho gaya hai hume kabtak Paisa milega

  6. आपने जो जानकारी दी हैं इससे थोड़ा राहत मिला हैं ,मेरा मिच्चंयोरीटी पुरा हुए 4 साल ह़ो गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं , लेकिन समझ मे नहीं आ रहा हैं कम्पलेन कहा पर करु

    • कंप्लेन कोई सुनने वाला नहीं है क्योंकि इस देश का कानून व्यवस्था बहुत लचीला है और सुप्रीम कोर्ट तो पूरी तरह से मंदबुद्धि के तरह स्वस्थ हो गए धन्यवाद भाई सुरेंद्र में इसीलिए जहां भी जो करना है कीजिए सहारा का भुगतान होने वाला नहीं

    • आपको कंप्लेंट करने से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि यह देश का कानून व्यवस्था बहुत खराब है जिसकी लाठी उसकी भैंस इसीलिए आप ज्यादा टेंशन न लीजिए बांड को हार जीत कर फेंक दीजिए और घर में सो जाइए धन्यवाद भाई सुरेंद्र महतो

  7. सुप्रीम कोर्ट 31 मार्च को अपना फैसला सुनाए और सेवी सहारा को पैसा रिटर्न करे जिससे हम लोगो का 3 साल पहले मेच्योरिटी पूरा हो गया वो पैसा अब मिले
    जय श्री राम

  8. आपने जो जानकारी दी हैं इससे थोड़ा राहत मिला हैं ,मेरा मिच्चंयोरीटी पुरा हुए 4 साल ह़ो गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं , लेकिन समझ मे नहीं आ रहा हैं कम्पलेन कहा पर करु ,,

  9. Garib aur nisahay logo kee ,aur jinke pariwar ke chatrachaya guma chuke hai,ese logo kee agar badduwa nahee chahiye to ,SAHARA INDIA ke head SUBRATO RAI ,KO sabhee investees kee jama punjee wapis kar denee chaheeye.

  10. आपकी जानकारी से उम्मीद है कि जल्द से जल्द अदालत इस केस और सहारा सेबी विवाद का निबटारा करे और करोड़ो निवेशकों का भुगतान करने का फैसला सुनाये।

  11. आपने जो जानकारी सहारा इंडिया और सेवी के संदर्भ में बताया वो कुछ हद तक मन में बसा संशय को दुर करने में सहयोग करेगा लेकिन जमाकर्ताओं को रकम कब तक और कैसे मिले यह जानकारी अगर मिल जाए तो बहुत मदद मिलेगा।
    सुप्रीम कोर्ट इस पर जल्द से जल्द संज्ञान लेकर निपटारा करें इसके लिए कुछ सहारा,सेवी, अथवा सरकार कुछ क्यों नहीं कर रही है।। इसके बारे में कुछ जानकारी स्पष्ट करने का कष्ट प्रदान करें।।

    • जैसे करोड़ो किसानों को एक बटन दबा कर किसान सम्मान निधि जमा होती है ऐसे ही सेबी को एक पोर्टल लांच करना चाहिए । और जिले की सहारा की संस्था भुगतान वेरिफाई करे जिनका पैसा कनवर्ट किया है जैसे किसानों के मामले में पटवारी करता है ।
      सेबी में जमा पैसा सहारा को नही देना चाहिए । वर्ना किसी को भुगतान नहीं मिलेगा ।
      सेबी का आरोप है मनी लॉन्ड्रिंग हुई । कोई निवेशक नहीं है। ।
      सहारा बोला सबका भुगतान कर दिया ।
      दोनो के झूठ में निवेशक पीस रहा ।
      इसका एक ही हल है पोर्टल लांच करना । वहा सभी के आवेदन मूल दस्तावेज अपलोड होने से ।पूरी पारदर्शिता से भुगतान होगा । पैसा 4 गुना हो चुका है कम पड़ने पर और पैसा सहारा से सेबी के खाते में जमा कराए ।
      जो पैसा पड़ा है उसे प्रतिशत के आधार पर भुगतान करे

Comments are closed.