|| क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्यों डाउन है? क्यों क्रिप्टो बाजार नीचे है?, Why crypto market is down?, इंडिया की, क्रिप्टो करेंसी कौन सी है, सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है, क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है, क्रिप्टो करेंसी इन इंडिया News ||
बिजनेस एवं निवेश में हमेशा केवल फायदा ही नहीं होता। बहुत बार नुकसान भी होता है। कई बार अच्छा रिटर्न दे रही करेंसी में इन्वेस्टमेंट भी बहुत बड़ा नुकसान देकर जाता है।
ऐसा संबंधित मार्केट में उतार-चढ़ाव की वजह से होता है। इस उतार-चढ़ाव के कई कारण होते हैं। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कितना डाउन है एवं यह क्यों डाउन है? आज इस पर हम आपको इस पोस्ट में जानकारी देंगे।
क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्या हैं? (What is cryptocurrency market?)
सबसे पहले समझ लेते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्या है? सामान्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी बाजार अथवा क्रिप्टोकरेंसी मार्केट वह जगह है, जहां क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त एवं ट्रेडिंग होती है।
इसे अलग अलग नामों से भी जाना जाता है। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, डिजिटल करेंसी एक्सचेंज, काॅइन मार्केट एवं क्रिप्टो मार्केट आदि।
क्रिप्टोकरेंसी बाजार डाउन क्यों है? (Why cryptocurrency market is down?)
आम बजट में भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में 30 फीसदी टैक्सेशन की घोषणा के बाद क्रिप्टो मार्केट में बिटकाॅइन के रेट नीचे पहुंच गए। टैक्सेशन की घोषणा के बाद क्रिप्टो निवेशकों में बेचैनी बढ़ गई और इसमें बिकवाली बढ़ गई। यह स्थिति पहली बार नहीं आई है।
दिसंबर, 2023 में भी सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेश्कों को खूब परेशान किया है। उस दौरान भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली। विशेषज्ञ क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों ने इसका लाभ उठाते हुए गिरे भाव पर दांव लगाया एवं क्रिप्टोकरेंसी खरीद ली। वे कीमत गिरने का ही इंतजार कर रहे थे।
आपको जानकारी दे दें कि यद्यपि भारत में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को वैध दर्जा प्राप्त नहीं, ऐसे में कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के संचालक इस पर टैक्सेशन को इसके लीगल किए लाने का पहला दरवाजा मानकर चल रहे हैं, जिसे वे पार कर चुके हैं। सरकार भी इस संबंध में फैसला लेने में अधिक देर करने की स्थिति में नहीं है।
क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के समय क्या करना चाहिए? (What to do when Crypto market is down?)
किसी भी चीज में गिरावट का अर्थ यह कतई नहीं होता कि आप उसे छोड़ दें। खास तौर पर शेयर मार्केट के जानकार गिरावट के समय ही शेयरों में निवेश बढ़ाने की नसीहत देते हैं।
क्रिप्टो मार्केट में भी यही फार्मूला लागू होता है। यदि कोई निवेशक अच्छे से मार्केट रिसर्च करता है और उसे यह बेस मजबूत दिखता है तो यह क्रिप्टो करेंसी में निवेश का सबसे अच्छा समय कहा जा सकता है।
प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में 24 घंटे के भीतर आई गिरावट का लेखा जोखा
अब एक नजर डाल लेते हैं पिछले 24 घंटे के भीतर प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में आई गिरावट के स्तर पर। यह निम्नवत है-
करेंसी | मूल्य | बदलाव | गिरावट का प्रतिशत |
बिटकाॅइन | 2985711 | 133964 | 4.29 |
इथीरियम | 213344 | 10153 | 4.54 |
बाइनेंस काॅइन | 29768 | 1126 | 3.65 |
सोलाना | 8418 36 | 425.41 | 4.81 |
टेरा | 3975 | 195.56 | 4.69 |
पोल्का डाट | 1528. 52 | 56 69 | 3.58 |
(मूल्य 02 फरवरी, 2023 की रात 9.55 पर)
जनवरी, 2023 के मध्य में भी क्रिप्टोकरेंसी मार्केट बहुत डाउन था
जनवरी, 2023 के मध्य भी क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में अत्यधिक गिरावट देखने को मिली थी। इसके पीछे वजह महंगाई दर, लिक्विडिटी एवं यूएस फेड रिजर्व के कदमों को माना जा रहा था। इससे पूर्व इस मार्केट में आई गिरावट की वजह चीन का क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन पर प्रतिबंध मानी जा रही थी।
इसके साथ ही दुनिया के अरबपति एलन मस्क की टेस्ला द्वारा बिटकाॅइन को नकारा जाना भी इसका एक बड़ा कारण माना गया था।
क्रिप्टोकरेंसी का बढ़िया रिटर्न ही निवेशकों को इस ओर खींचता है
क्रिप्टोकरेंसी में रिटर्न की कोई सीमा नहीं। यह एक हजार गुना तक भी हो सकता है। बढ़िया रिटर्न का लालच ही निवेशकों को इस ओर खींचता है। एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में 10.5 करोड़ क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकर्ता हैं।
ऐसे में यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अंधाधुंध कमाई के लालच में निवेशक बड़ी संख्या में क्रिप्टोकरेंसी की ओर से आकर्षित हो रहे हैं।
शेयर बाजार के अलावा पैसे इन्वेस्ट करने का एक और विकल्प
अपने पैसे को किसी अच्छे म्युचुअल फंड, फिक्स्ड डिपाजिट, गोल्ड, ईटीएफ आदि में इन्वेस्ट कर अच्छी कमाई का सपना देख रहे लोगों एवं विशेषकर युवाओं को शेयर बाजार के अलावा कमाई का अच्छा विकल्प क्रिप्टोकरेंसी के रूप में मिला है। दुनिया भर में लोग इसमें इन्वेस्ट कर रहे हैं।
इनमें न केेवल अनुभवी इन्वेस्टर्स हैं, बल्कि टियर-2 व टियर-3 के युवा भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। यही वजह थी कि पूर्व में भारत सरकार शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी का बिल लाने जा रही थी।
हालांकि वह यह साफ कर चुकी थी कि उसका इरादा निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने का ही है। यह उसके अपनी डिजिटल करेंसी लाने के इरादे से साफ भी हो गया है।
केवाईसी के माध्यम से ट्रांजेक्शन पर निगाह रखी जा सकती है
बहुत से लोग इस करेंसी के जरिए अपराध को बढ़ावा मिलने की बात कहकर इसका विरोध करते हैं। ऐसे लोग सरकार में भी बहुत हैं। किंतु कुछ ही समय पहले नंदन नीलकेणि समेत देश के कुछ उद्योगपतियों एवं निवेश विशेशज्ञों ने क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन किया था।
डनका कहना था कि केवाईसी (KYC) के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी के जरिए किए जाने वाले ट्रांजेक्शन पर नजर रखी जा सकती है।
क्रिप्टो में इन्वेस्ट करते हुए अफवाह अथवा जल्दबाजी से बचें
यदि आप भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश के इच्छुक हैं तो किसी अफवाह पर भरोसा कर अथवा जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। निवेश करने से पहले अच्छी तरह देख समझ लें।
जिस करेंसी में निवेश करने जा रहे हों, उसकी बैक हिस्ट्री देख लें। इसके पश्चात ही इस दिशा में आगे कदम बढ़ाएं।
सेलिब्रिटीज की वजह से क्रिप्टो में लाखों नए ट्रेडर्स
भारत में इस समय कई क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफाॅर्म काम कर रहे हैं। सेलिब्रिटीज के इस करेंसी का प्रचार करने की वजह से क्रिप्टोकरेंसी में लाखों नए ट्रेडर आ गए हैं। हालांकि, इस प्रचार की वजह से कई बार लोग फर्जी क्रिप्टोकरेंसी के जाल तक में फंस सकते हैं।
यदि सरकार की बात करें तो आम बजट में ही देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया है कि क्रिप्टोकरेंसी पर अभी विचार विमर्श चल रहा है। इसके पश्चात ही इस करेंसी को लेकर कायदे-कानून पर विचार किया जा रहा है। इस पर कराधान से सरकार ने हालांकि अपनी आय का नया स्रोत खोज लिया है।
क्रिप्टोकरेंसी के लिए ट्रेडर का अपहरण तक
क्रिप्टोकरेंसी का आकर्षण लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। इसे महाराष्ट्र के पुणे की एक घटना से समझ सकते हैं। 14 जनवरी, 2023 को क्रिप्टो करेंसी ट्रेडर 38 वर्षीय विनय नाइक का अपहरण हो गया। अपहरणकर्ताओं ने उनसे फिरौती में तीन बिलियन रूपये की बिटकाॅइन मांगी।
इस मामले में एक पुलिस कांस्टेबल के साथ ही सात अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया। विनय नाइक का अपहरण इसलिए किया गया था, क्योंकि अपहरणकर्ताओं को पता चला कि उनके पास बहुत बड़ा बिटकाॅइन वाॅलेट है। पुलिस के मामले की छानबीन की बात पता चलते ही ट्रेडर को छोड़ दिया गया।
भारत बन सकता है ब्लाॅकचेन का पावर हाउस
क्रिप्टोकरेंसी ब्लाॅकचेन तकनीक पर आधारित है। अमेरिका, यूरोप एवं चीन की ब्लाॅकचेन तकनीक के सामने भारत अभी स्टार्टअप की एज में है। लेकिन यहां से क्रिप्टोकरेंसी में लगातार बढ़ रहा निवेश बताता है कि भविष्य में भारत ब्लाॅकचेन का पावर हाउस बन सकता है।
कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी इस प्रकार से हैं-
अब आपको कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नामों के बारे में जानकारी देते हैं। ये निम्नवत हैं-
- बिटकाॅइन
- इथेरियम
- टेदर
- बीएनबी
- यूएसडी काॅइन
- कारडानो
- सोलाना
- एक्सआरपी
- टेरा
- पोल्काडाॅट
- डोजीकाॅइन
- बाइनांस यूएसडी
- पाॅलिगाॅन
- डई
- काॅसमाॅस
बिटकाॅइन को कब पहली बार सार्वजनिक किया गया
बिटकाॅइन क्रिप्टोकरेंसी को पहली बार आज से 14 वर्ष पूर्व 2008 में सातोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति ने सार्वजनिक रूप से जाहिर किया था। 2009 में एक ओपन सोर्स साॅफ्टवेयर के रूप में जारी किए जाने के बाद यह मुद्रा लागू हो जाएगी।
आपको बता दें कि आप बिटकाॅइन डाॅलर, यूरो जैसी मुद्राओं में खरीद सकते हैं। आप इसे अपने प्राडक्ट अथवा सेवा के बदले पेमेंट के रूप में हासिल कर सकते हैं। आप अपना खुद का बिटकाॅइन भी बना सकते हैं। इसे क्रिप्टोकरेंसी की भाशा में माइनिंग पुकारा जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट डाउन क्यों जाता है?
भारत में सरकार ने बजट में क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर कितना टैक्स लगाया है?
निवेशक क्रिप्टोकरेंसी की ओर क्यों आकर्षित होते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्या होता है?
क्रिप्टो में निवेश करते समय किस बात का खास ख्याल रखें?
क्या यह शेयर बाजार के अतिरिक्त निवेश का एक अच्छा प्लेटफाॅर्म है?
बिटकाॅइन को पहली बार सार्वजनिक रूप से किसने जाहिर किया?
हमने इस पोस्ट के माध्यम से आपको बताया कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार क्यों डाउन है। यदि आप भी इस करेंसी में इन्वेस्ट करने के इच्छुक हैं तो उससे पहले इस मार्केट के उतार-चढ़ाव को अच्छी तरह से समझ लें।
इस पोस्ट को लेकर आपके मस्तिष्क में कोई शक शुबहा है तो हमसे पूछ सकते हैं। करेंसी के संबंध में जागरूकता के मद्देनजर इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करना न भूलें। धन्यवाद।
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