बाल श्रम इन हिंदी – दोस्तों, आपने चाय की दुकान में अक्सर छोटे-छोटे बच्चों को ग्राहकों को चाय के गिलास पकड़ाते या झूठे बर्तन धोते देखा होगा। या कहीं ‘छोटू थाली लाना’ पुकारते ग्राहकों को रेस्टोरेंट्स में खाने की थाली सर्व करते देखा होगा। मालिक की एक आवाज पर दौड़ते भागते काम करते देख इन बच्चों का कोई नाम तक नहीं जानता। अपनी मर्जी से कोई छोटू कहकर बुलाता है तो कोई इन्हें कुछ और नाम दे देता है। इनमें ज्यादातर बच्चे ऐसे होते हैं, जो अक्सर अपने परिवार की बुरी माली हालत देखकर बचपन में ही काम करने को मजबूर हो जाते हैं।
कई बार इनके मां-बाप भी अतिरिक्त कमाई की वजह से बच्चों को दुकानों में काम करने भेजते हैं तो कुछ अपने परिवार वालों के व्यवहार से परेशान होकर घर से भाग जाते हैं और बाद में इसी तरह की दुकानों पर काम कर अपने पेट के लिए अन्न जुटाते हैं। काम की वजह से यह बच्चे अक्सर अपनी पढ़ाई से विरत रहते हैं और बहुत ही कम पैसे में 18-18, 20-20 घंटे तक काम करते हैं। भारत में बच्चों से यह काम करवाना गैरकानूनी माना जाता है इसके बावजूद चोरी छुपे ढेरों लोग तरह-तरह की फैक्ट्री में मजदूरों को लगाए रखते हैं। आपको बता दें कि हालांकि हमारे देश भारत में बाल मजदूरों यानी बाल श्रमिकों के लिए कानून का भी प्रावधान किया गया है।
लेकिन अभी भी इनकी संख्या लाखों में है। यदि सन् 2011 की जनसंख्या के आंकड़े पर बात करें तो इनकी संख्या 11 मिलियन से भी ज्यादा है। दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि बाल श्रम क्या है? इस संबंध में हमारे देश में क्या नियम है, कानून हैं? अगर कोई बाल श्रम कराता है तो उसे कितनी सजा का प्रावधान है? यदि नहीं जानते तो आज हम आपको इस post के जरिए जानकारी देंगे कि क्या है बाल श्रम और इससे जुड़े नियम, कायदे, कानून क्या कहते हैं। अगर कोई काम देने वाला बच्चों को काम पर नियुक्त करता है तो उसके खिलाफ किस तरह की सजा कानून के तहत निश्चित की गई है।
बाल श्रम क्या है?
अगर व्यावसायिक उद्देश्य से किए जा रहे किसी कार्य के लिए 14 साल से कम उम्र के बच्चे को नियुक्त किया जाता है तो वह बाल श्रम कहलाता है। इसे भारत में गैर कानूनी करार दिया गया है। भारत के संविधान में मूल अधिकारों के अनुच्छेद 24 के तहत भारत में बाल श्रम पर पाबंदी लगाई गई है।
बाल श्रम पर किस अधिनियम में दी गई है व्यवस्था –

साथियों, आज से तीन साल पहले यानी सन् 2016 में कानून लाकर बालश्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम 1986 में संशोधन किया गया और बालश्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 लागू किया गया। बाल श्रम पर इस नए कानून को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दी। इसके तहत किसी भी काम के लिए 14 साल से कम उम्र के बच्चे को नियुक्त करना गैर कानूनी माना गया है।
बाल श्रम कराने पर सजा क्या है?
यदि कोई नियोक्ता 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी कार्य पर लगाता है तो ऐसा करने पर उसे दो साल तक की कैद की सजा या जुर्माना या सजा और अधिकतम 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यह कानून 14 से 18 साल तक की उम्र के किशोरों को खान के साथ ही अन्य ज्वलनशील पदार्थ या विस्फोटकों जैसे जोखिम वाले कार्यों में रोजगार पर लगाने पर भी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। हालांकि यह कानून फिल्मों, विज्ञापनों और टीवी उद्योग में बच्चों के काम करने पर लागू नहीं होता।
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क्या है सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधी उल्लंघन पर प्रावधान –
अगर 14 से 18 की उम्र वालों से काम लिया जाए, लेकिन इसके अगर काम की समय सीमा तय न हो और रजिस्टर मेंटेन न किया जाए, स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी उल्लंघन किए जाएं तो एक माह तक की जेल और साथ ही 10 से लेकर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। अगर आरोपी ने इस कानून के तहत पहली बार अपराध किया है तो उस पर केवल जुर्माना लगाया जा सकता है।
दूसरी बाद अपराध में संलिप्त पाए जाने पर नियोक्ता को एक साल से लेकर तीन साल तक की कैद का प्रावधान किया गया है। श्रम विभाग की टीम अक्सर दुकानों, प्रतिष्ठानों में छापे भी मारती हैं। अगर वहां बच्चे किसी भी तरह के काम में संलग्न पाए जाते हैं तो नियोक्ता के खिलाफ कानून, विधि सम्मत कार्रवाई की जाती है।
कौन कौन हैं कानून के दायरे से बाहर –
बाल श्रम से जुड़े कानून के दायरे कई स्थितियों को बाहर भी रखा गया है। मसलन स्कूल से बाद के समय में अगर कोई बच्चा अपने परिवार के व्यवसाय में परिजनों की मदद करता है तो उसे इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।
क्या इस मामले में है कोई अपवाद भी –
जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि14 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखना गैर कानूनी है। हालांकि कुछ मामले में अपवाद भी हैं। मसलन पारिवारिक व्यवसायों में काम करने वाले बच्चे स्कूल से आने के बाद या गर्मियों की छुट्टियों में यहां काम कर सकते हैं। लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े। ऐसा न हो कि बच्चों को काम कराने की वजह से स्कूल ही न भेजा जाए या उन्हें पढ़ाई ही न करने दी जाए।
दूसरे, यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि पारिवारिक व्यवसाय इस कानून के तहत परिभाषित किसी खतरनाक प्रक्रिया या पदार्थ से न जुड़ा हो। जैसे यह ऊर्जा, बिजली उत्पादन से जुड़े उद्योग, खान या विस्फोटक पदार्थ से जुड़े उद्योग न हों। इसी तरह फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में वह काम कर सकते हैं या फिर खेल से जुड़ी गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। यहां एक बात और साफ कर दें कि इस परिभाषा में ऐसे व्यापार जिनका संचालन कोई करीबी रिश्तेदार मसलन पिता की बहन और भाई या मां की बहन और भाई भी शामिल हैं।
बालश्रम पहले कौन सा अधिनियम था लागू –
बालश्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 से पहले बालश्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम 1986 लागू था। इसके तहत 14 साल से कम उम्र के व्यक्ति को बच्चे के रूप में परिभाषित किया गया था। 2016 में संशोधन के जरिए जुर्माना राशि में इजाफा किया गया। फिल्म, सीरियल में काम करने वाले बाल कलाकारों को इससे छूट दी गई।
भारतीय संविधान में क्या है बच्चों से जुड़े प्रावधान –
संविधान के अनुच्छेद 24 के तहत खतरनाक गतिविधियों में रोजगार के खिलाफ 14 से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। वहीं, अनुच्छेद 23 में बाल तस्करी और मजबूर श्रम पर रोक लगाई गई है। अनुच्छेद 21 ए के तहत 6 से 14 साल की उम्र के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार दिया गया है, जबकि अनुच्छेर 39 राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देता है कि बच्चों के साथ किसी भी तरह का कोई दुव्यर्वहार न हो। अनुच्छेद 15 के तहत सरकार को कानून और नीति बनाने की शक्ति प्रदान की गई है। इन कानूनों के जरिए राज्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करते हैं।
बाल श्रम निषेध दिवस कब मनाया जाता है?
दोस्तों, बाल श्रम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 12 जून के दिन विश्व बाल निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में सरकारी और गैर सरकारी यानी कि निजी तौर पर ढेरों कार्यक्रम होते हैं। इनमें जागरूकता गोष्ठी, रैली, सेमिनार सभी कुछ शामिल होता है। लोगों को बाल श्रम की स्थिति और इससे जुड़े कानून से अवगत कराया जाता है। नियोक्ता को सचेत किया जाता है। अलबत्ता, इस तरह के कार्यक्रम किए जाने का कोई solid out put सामने निकलकर नहीं आ सका है।
अभी भी बड़े पैमाने पर बेकरी जैसे उद्योग समेत छोटी बड़ी दुकानों में बच्चे अपनी और अपने परिवार की आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आपको लगे हाथ यह भी बता दें कि बच्चों को काम करने की इजाजत देने के लिए मां बाप के खिलाफ किसी तरह की सजा तजवीज किए जाने का प्रावधान नहीं है। लेकिन अगर मां बाप अपने बच्चों को खतरनाक उद्योगों में काम के लिए भेजते हैं तो पहली बार उन्हें ऐसा न करने को चेतावनी दी जाएगी, लेकिन अगर वह फिर ऐसा करते हैं तो उन्हें एक साल तक की सजा भुगतनी पड़ सकती है।
बाल अधिकार संरक्षण, बाल श्रम की वर्तमान स्थिति क्या है?
दोस्तों, दुनिया भर में बाल अधिकार संरक्षण पर काम हो रहा है। कई निजी संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं। वह श्रम विभाग, पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर जगह जगह से बाल मजदूरों को मुक्त कराने का उपक्रम करती हैं। यहां तक कि बचपन आंदोलन चलाने भारत के कैलाश सत्यार्थी को पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार भी मिल चुका है। इन तमाम बातों के बावजूद आज भी लाखों की तादाद में देश में बाल श्रमिक कार्य कर रहे हैं। उनकी सबसे ज्यादा संख्या असंगठित क्षेत्र और कृषि क्षेत्र में देखने को मिल रही है।
सरकार ने कानून बनाया है, लेकिन महज इससे काम चलने वाला नहीं। इसके लिए कानून को प्रभावी तरीके से लागू किया जाना बेहद आवश्यक है। दरअसल, बच्चों से काम लेने के पीछे नियोक्ताओं की मंशा कम पैसे में अधिक समय के लिए उनसे श्रम लेने की होती है। इसी को उनके शोषण की category में रखा गया है। नियोक्ता की इस सोच को खत्म किए जाना बेहद जरूरी है और इसके लिए बहुत जरूरी है कि नियोक्ताओं पर नकेल कसी जाए। बाल श्रम को बढ़ावा देने वाली हर स्थिति को देखते हुए कानून का इतना प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए कि कोई बाल श्रम कराने से पहले दो बार सोचने के लिए मजबूर हो जाए।
FAQ
बाल मजदूरी क्या हैं?
भारत मे बाल श्रम क्यो बढ़ता जा रहा हैं?
देश में बढ़ते बाल श्रम को कैसे रोका जा सकता है
बाल श्रम निषेध दिवस कब मनाया जाता हैं?
बाल श्रम कराने की सज़ा क्या हैं?
दोस्तों, यह थी बाल श्रम, इससे जुड़े नियम, कानून, कायदे और सजा पर आधारित विस्तृत जानकारी। हमें पूरी उम्मीद है कि आपको हमारी यह post भी पसंद आई होगी। साथियों, अगर इस post को पढ़ने के बाद आपके जहन में किसी भी तरह का कोई सवाल आ रहा है तो आप बेखटके हमसे पूछ सकते हैं। इसके लिए आपको करना बस इतना है कि comment box में जाकर आपको अपना प्रश्न भर लिखना होगा। हम आपको अपनी ओर से आपके सवाल का जवाब देने की पूरी पूरी कोशिश करेंगे। आगे भी हमारी विभिन्न विषयों पर आधारित post पढ़ते रहिए और बारीक से बारीक जानकारी से अपने आप को update करते रहिए।। धन्यवाद।।
Hamare bagal me ak log hai jo chote chote bache se bhot kam karate hai hame dakh kar bhot dukh hota hai lakin ap se anurodh hai ki ap kuch kare mera number hai 7379210515 may ap request karta hu ke jald se jald un chote bacho se kam se chuti diwla de ap ke bhot meharwahi ho gai
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Sir un bache ko jaldi se jaldi chuti dijya
Vivek Kumar